खोजना होगा आतंकवाद का बुनियादी कारण


आज हमारे देश मे जो आतंकवाद बढ़ रहा है उसका मुख्य कारण क्या है, हमें इन बारीकियों पर नजर दौड़ानी होगी।
हमारे देश में आज मानव अधिकारों का पूर्ण रूप से हनन हो रहा है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि रोजमर्रा की चीजें भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गयी हैं। सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी तो फिर भी अपना गुजारा कर लेते हैं, मगर प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए मंहगाई एक चुनौती है। शासन व प्रशासन पूरी तरह भ्रष्ट हो गया है।
कहीं कोई मार्ग नहीं। अब आम नागरिक क्या करे? जिये या मरे? इसी कारण वह अपने मार्ग से भटक रहा है।
मुंबई पर हुए हमले की निंदा चाहे पूरे विश्व भर में हुई हो मगर यह काफी नहीं है। भारत बेशक पकिस्तान के खिलाफ सबूत पेश कर रहा है। मगर इसका मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि हम हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाएं। यह मुंबई पर हमला नहीं यह देश की अस्मिता पर हमला है। हम कब तक अमरीका या दूसरे देशों को यह दिखाते रहेंगे कि देखिए हम पर हमला हुआ है, आप कुछ कीजिए। नहीं बल्कि हमें इजराईल की नीतियां अपनानी होगीं। विश्व विख्यात इजराइल अपने देश के हित में फैसला खुद करता है। पहले दुश्मन को सबक सिखाता है बाद में सुनता है।
आज भारत की उन्नति को देखकर पाकिस्तान ही नहीं बल्कि बड़े और विकसित देश भी ईर्ष्‍या करते है। हमारे राजनेताओं को चाहिए वह यह कह कर कि ‘हम कार्यवाही करेंगे’, समय खराब न करें बल्कि पाकिस्तान जैसे धृतराष्‍ट्र को सबक सिखाना चाहिए।
हमें याद करना चाहिए की पृथ्वीराज चैहान ने गौरी को अनेकों बार हराने के बाद भी जीवित छोड़ा उसका परिणाम कितना भयंकर हुआ, वह इतिहास में दर्ज है। यही गलती हिन्दुस्तान आज भी कर रहा है। हमें अपने देश की सुरक्षा खुद करनी है न कि हमें अमेरिका के भरोसे रहना है। अगर आज हमने ईंट का जवाब पत्थर से न दिया तो पाकिस्तान के हौसले में इजाफा होगा और फिर कई बड़ी घटनाएं होगी, आम नागरिक फिर शहीद होंगे। फिर बयानबाजियां होंगी। सबसे बड़ी जिम्मेदारी हमारे स्वयं की बनती है। मगर लगता है कि हमारे नेता आज नपुसंक हो गये है।
मुझे शास्त्री जी की याद आती है, जिन्होंने कहा था हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे और उन्होंने कर भी दिखाया था। हमें याद करना चाहिए श्रीमति इंदिरा गांधी जी को जिन्होंने पाकिस्तान को हारने पर मजबूर कर दिया था। करीब नब्बे हजार फौजी हथियार सहित गिरफ्तार किये गये थे। पूरी दुनियां ने देखा था कि यह वही भारत है जिसे हम सपेरो का देश कहते हैं। ऐसे जंगजू जिन्होंने एक इतिहास रचा। इससे पहले किसी देश ने दूसरे देश की इतनी बड़ी तादात में फौज का सरेन्डर नहीं कराया था। इस जंग में पाकिस्तान पूरी तरह टूट गया। आज उसी जज्बे की आवश्यकता है। कहीं ऐसा न हो पृथ्वीराज चैहान वाला किस्सा आज की पीढ़ी को फिर से देखना पड़े।


- Ishwar Singh

NIRMAN SAMVAD

2 comments:

मनोज कुमार said...

विचारोत्तेजक!

Ravi Kumar said...

पहली बार आपका ब्लॉग पढ़ रहा हूं।
यह मेरी लर्निंग पीरियड है, आपके ब्लॉग से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।

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